हाई ग्रेड स्क्वामस इंट्राएपिथीलियल लीशन (HSIL)

(सामग्री संशोधित 04/2023)

अगर सर्वाइकल स्क्रीनिंग टेस्ट हाई ग्रेड स्क्वामस इंट्राएपिथीलियल लीशन दिखाता है, तो इसका मतलब है कि बिगड़ती कोशिका बदलाव का स्तर मध्यम या गंभीर है। अगर उपचार न किया गया, तो हरेक 100 महिलाओं में से 1 से 2 को सर्वाइकल कैंसर हो सकता है। सटीक निदान करने के लिए, इन महिलाओं को कॉल्पोस्कोपिक जाँच करानी चाहिए, जिसके दौरान आगे के टेस्ट के लिए टिश्यु बायोप्सी ली जाएगी, क्योंकि इस तरह के उपचार की सलाह उसके हिसाब से दी जा सकती है। नियमित फ़ॉलो-अप सर्वाइकल स्मीयर टेस्ट के साथ सफ़ल उपचार से सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।

सर्वाइकल कैंसर का होना एक लंबा प्रोसेस है। सर्विक्स की कोशिकाएँ धीरे-धीरे सामान्य कोशिकाओं से असामान्य कोशिकाओं में, हल्के, मध्यम, फ़िर गंभीर गिरावट और अंत में सर्वाइकल कैंसर जैसे बदलावों की एक श्रृंखला से गुज़रती हैं। कोशिका बदलावों के लगातार बिगड़ने के अलावा, किसी भी समय, कोशिका बदलाव अनायास ही सामान्य स्थिति में भी आ सकता है। हालाँकि, भले ही कोशिका बदलाव पहले से ही गंभीर गिरावट दिखाते हों, फ़िर भी वाकई कैंसर होने में 5 से 10 साल तक का समय लग सकता है।

उपचार

डॉक्टर योनि में एक स्पेकुलम डालेंगे, योनि और सर्विक्स को स्पेशल औषधीय सॉलूशन से निशान लगाएँगे और फ़िर किसी भी असामान्य घाव की पहचान करने के लिए कॉल्पोस्कोप का इस्तेमाल करेंगे। अगर कोई असामान्य घाव पाया जाता है, तो डॉक्टर एक उपकरण का इस्तेमाल करके टिश्यु का एक छोटा टुकड़ा निकालेंगे और उसे जांच के लिए लैबोरेटरी में भेजेंगे।

अगर कोई आक्रामक कैंसर नहीं है, तो उपचार सर्विक्स तक ही सीमित रहेगा। उपचार के विकल्पों में घाव को काटना या नष्ट करना शामिल है। लूप इलेक्ट्रोसर्जिकल एक्सिशन प्रक्रिया और लेज़र थेरेपी आम तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले तरीके हैं। ऑपरेशन में लगभग 30 मिनट लगते हैं और इसे सामान्य ट्रीटमेंट रूम में लोकल एनेस्थीसिया के तहत किया जा सकता है।