डिप्थीरिया (कम की गई खुराक), टिटनस और अकोशिकीय पर्टुसिस (कम की गई खुराक) का टीका (dTap वैक्सीन)
काली खांसी
पर्टुसिस, जिसे "काली खांसी" के रूप में भी जाना जाता है, बैक्टीरिया से होने वाली तीव्र श्वसन बीमारी है। संक्रमित व्यक्ति को शुरू में नाक बहने, छींकने, कम तीव्रता का बुखार और हल्की खांसी जैसे गैर-विशिष्ट लक्षण हो सकते हैं। धीरे-धीरे खांसी अधिक गंभीर हो जाती है और प्रबल खांसी की अवधि खाने, पीने और सांस लेने में बाधा डाल सकती हैं। लक्षण हफ्तों तक रह सकते हैं। जटिलताओं में फेफड़ों में संक्रमण, दौरे और कोमा शामिल हैं। यह मरीजों के छोटी बूंदों के सीधे संपर्क से फैलती है।
शिशु पर्टुसिस से कैसे संक्रमित होते हैं?
शिशु आमतौर पर अपने संक्रमित देखभाल करने वाले उन व्यक्तियों से सीधे संपर्क के माध्यम से या छोटी बूंदों के माध्यम से पर्टुसिस से संक्रमित होते हैं, जिनको शुरू में नाक बहने, छींकने, कम तीव्रता का बुखार और हल्की खांसी जैसे गैर-विशिष्ट लक्षण हो सकते हैं।
डिप्थीरिया (कम की गई खुराक), टिटनस और अकोशिकीय पर्टुसिस (कम की गई खुराक) का टीका (dTap वैक्सीन)
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गर्भवती महिलाओं को पर्टुसिस का टीका लगवाने की सलाह क्यों दी जाती है?
शिशुओं में केवल 2 महीने की उम्र में ही पर्टुसिस के खिलाफ टीकाकरण शुरू होता है। स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य सुरक्षा केंद्र के तहत वैक्सीन प्रिवेंटेबल डिजीज की वैज्ञानिक समिति (SCVPD) की सिफारिश है कि गर्भवती महिलाओं को प्रत्येक गर्भावस्था के दौरान अकोशिकीय पर्टुसिस युक्त टीके की एक खुराक मिलनी चाहिए।
डिप्थीरिया (कम खुराक), टिटनस और अकोशिकीय पर्टुसिस (कम की गईखुराक) (dTap) के टीके की सिफारिश की जाती है। क्योंकि शिशु ने अभी तक अपना टीकाकरण पूरा नहीं किया है, उत्पन्न होने वाली एंटीबॉडी को जन्म के पहले कुछ महीनों में पर्टुसिस के खिलाफ सीधे सुरक्षा के लिए भ्रूण को पारित किया जा सकता है।
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गर्भवती महिलाओं को टीका कब लगवाना चाहिए?
प्रसव से कम से कम 15 दिन पहले टीका लगाया जाना चाहिए, ताकि गर्भवती महिलाओं में एंटीबॉडी के विकास के लिए पर्याप्त समय दी जा सके, और अच्छी सुरक्षा के लिए प्रसव से पहले भ्रूण को पर्याप्त एंटीबॉडी पारित की जा सके। अस्पताल प्राधिकरण के प्रसव क्लिनिक और स्वास्थ्य विभाग के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र, गर्भावस्था के 26 से 34 सप्ताह तक गर्भवती महिलाओं के लिए पर्टुसिस टीकाकरण प्रदान करेंगे।
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निम्नलिखित व्यक्तियों को dTap का टीका नहीं लगवाना चाहिए
- टीके के किसी भी घटक (एंटीबायोटिक्स या परिरक्षकों सहित) के प्रति गंभीर एलर्जी की प्रतिक्रिया थी
- पर्टुसिस युक्त टीके की पिछली खुराक के बाद गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया हुई थी या प्लेटलेट में क्षणिक कमी आई थी
- पर्टुसिस युक्त टीके की पिछली खुराक लेने के 7 दिनों के अंदर विकसित एन्सेफैलोपैथी (जैसे कि, कोमा, चेतना के स्तर में कमी, लंबे समय तक दौरे) जो किसी अन्य पहचान योग्य कारण से नहीं है।
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इसके दुष्प्रभाव कौन से होते हैं?
- मामूली दुष्प्रभावों में स्थानीय प्रतिक्रियाएं (जैसे कि दर्द, लालिमा या सूजन) शामिल हैं, जो हल्की होती हैं और केवल कुछ दिनों तक रहती हैं
- गंभीर दुष्प्रभाव जैसे कि गुइलेन-बर्रे सिंड्रोम अत्यंत दुर्लभ हैं
- वैज्ञानिक सबूतों से पता चला है कि गर्भवती महिलाओं और उनके शिशुओं के लिए पर्टुसिस के टीके बहुत सुरक्षित हैं