अपने बच्चे से जुड़ना – एक साल से कम आयु के बच्चों के माता-पिता के लिए
संवादात्मक तरीका
शुरुआती महीनों में माता-पिता अपने बच्चों के साथ मुख्यत: शारीरिक संपर्क, चेहरे और मौखिक हाव-भाव द्वारा संवाद स्थापित करते हैं। जैसे-जैसे आपका बच्चा बड़ा होता है, संवाद के कई अन्य तरीके निकलने शुरू हो जाते हैं। उसके साथ संवादात्मक और सामंजस्यपूर्ण तरीके से बात करने, गाना गाने, खेलने अथवा पढ़ने से आप दोनों अपने आप को एक-दूसरे के करीब महसूस करेंगे। ये संवाद आधारशिला का कार्य करते हैं, जिस पर आपका बच्चा आपके साथ भावनात्मक संबंध विकसित करता है, जो उसके भावनात्मक विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा, संवादों का आपके बच्चे को पढ़ाने और उसके विकास को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण स्थान हैं।
अपने बच्चे के साथ संवाद कब स्थापित किया जाए?
- यदि वह थका हुआ न हो और आप तैयार हो, तो संवाद किसी भी समय स्थापित किया जा सकता है।
बच्चे के साथ मिलकर क्या किया जा सकता है?
- कोई भी क्रिया-कलाप जो सुरक्षित हो, किया जा सकता है। इसके लिए किसी निर्धारित समायोजन अथवा उपकरण की आवश्यकता नहीं है, उदाहरण के लिए, आपके हैंडबैग का कोई रूमाल आपके बच्चे के खेलने की चीज़ बन सकता है।
- सबसे महत्वपूर्ण ‘उपकरण’ आप स्वयं हैं ! आपकी एक प्यार भरी नज़र, एक गर्मजोशी भरी मुस्कान, एक हल्की सी थपकी, एक चुंबन अथवा प्यार से गले लगाने से आपके बच्चे को आपका प्यार महसूस हो सकता है। इसी समय, उसकी प्रतिक्रिया आप दोनों को एक-दूसरे के करीब होने का अहसास कराएगी।
- आप उसका ध्यान आकर्षित करने के लिए लयबद्ध आवाज़ में गा सकते हैं। बदले में वह आपकी तरफ ध्यान से देखेगा अथवा वह उत्साह में छटपटा भी सकता है।
- कपड़े अथवा गत्ते से बनी रंगीन चित्रों वाली पुस्तकें आपके छोटे बच्चों को आकर्षक लगती हैं। अलग-अलग बनावट, ध्वनियों और रंगों की किताबें अधिक प्रेरणा देती हैं।
- अपने बच्चे के साथ संवाद स्थापित करने के लिए संगीत एक बहुत ही अच्छा साधन है। आप उसे धीरे-धीरे हिला-डुला कर अथवा गुनगुनाते हुए उसके हाथों और पैरों को लहराते हुए संगीत पर नाच सकते हैं।
- जब वह अपने पैरों पर ख़ुद खड़ा होने में सक्षम हो जाएं तो आप उसे सहारा देकर अथवा उसे अपनी गोद में लेकर उसके साथ नाच सकते हैं। आप उसके साथ आईने के सामने खड़े होकर भी नाच सकते हैं।
- पीक ए-बू खेलना, गुदगुदी करना, एक्शन के साथ नर्सरी कविताएं गाना बच्चे के साथ खेले जाने वाले अच्छे खेल हैं।
- यदि आप शारीरिक और मानसिक रूप से शामिल होते हैं, तो हर प्रकार का खेल मज़ेदार होता है।
संवाद कैसे स्थापित किया जाए?
- अपने बच्चे को अपनी आँखों में देखने दें। आप उसकी आंखों के स्तर तक नीचे झुक सकते हैं अथवा उसे गोद में उठा सकते हैं।
- उसके चेहरे के हाव-भावों और शारीरिक भाषा का अवलोकन करें।
- उसकी बात सुनें।
उसकी बातों को सुनें और तदनुसार प्रतिक्रिया दें। अपनी कूं-कूं की आवाज़ से वह आपको कुछ बताना चाहती है। - वह जिस चीज़ को देख रही है, आप उस पर ध्यान दें।
- निम्नलिखित द्वारा उसे तत्काल प्रतिक्रिया दें:
- उसकी आवाज़ अथवा क्रियाओं की नकल करके।
- जब आप उसकी नकल करके प्रतिक्रिया देते हैं, तो वह जान जाएगी कि वह जो कुछ करती है, आप उसमें दिलचस्पी लेते हैं। आप भी उसे अपने नकल करने के लिए निर्देशित कर सकते हैं।
- उसके अर्थ समझने का प्रयास करें।
- यदि वह उत्साह में किलकारी मारती है अथवा छटपटाती है, तो वह चाहती है कि आप उसके साथ खेलते रहें। यदि वह रुक जाती है और अपने चेहरे को दूसरी ओर फेर लेती है, तो इसका मतलब है कि अब वह खेलना नहीं चाहती अथवा अब वह थक गई है। अब उसे शांत कर देना चाहिए और उसे आराम करने देना चाहिए।
- आप जो कुछ देखते अथवा सुनते हैं उसे अपने बच्चे को भी समझाएं ताकि वह सीख सकें।
- वह जिन चीजों में रुचि लेती है, उनके नाम बोलें, उदाहरण के लिए, यदि वह गेंद को छूती है, तो ‘गेंद’ कहें।
- जो कुछ घटित हुआ अथवा घट रहा है, उसके बारे में बात करें, उदाहरण के लिए, गिरी हुई चम्मच की ओर इशारा करते हुए उसे बताएं कि ‘चम्मच गिर गई है’।
- अपने शब्दों को स्पष्ट करने के लिए क्रियाओं और संकेतों का प्रयोग करें। वह बोलना शुरू करने से पहले आपसे इशारों में बात करना सीख जाएगी।
- उसकी प्रतिक्रिया का इंतजार करें। केवल आप ही न बोलते रहें। रुकें और अपने बच्चे को उसके तरीके के अनुसार बात कहने के लिए अवसर प्रदान करें।
- उसकी आवाज़ अथवा क्रियाओं की नकल करके।
- किसी बात को बार-बार दोहराने से उसको समझने और याद रखने में मदद मिलती है। जितनी बार संभव हो सके, उतनी बार नए शब्दों और क्रियाओं को दोहराने के लिए नए-नए तरीके खोजें। उसकी पसंदीदा नर्सरी कविता को बार-बार एक्शन के साथ गाएं। धुन के साथ गाई गई कविताएं और बार-बार दोहराने वाले शब्द उसकी सीखने में मदद करते हैं। अंततः वह भी आपकी नकल करके कुछ शब्दों को गाने लगेगी।
- वह जो कुछ पहले से जानती है, उसके आधार पर नए विचारों को जोड़ें। उदाहरण के लिए जब वह ब्लॉक को पकड़ने लगे, तो उसे इसको एक बाल्टी में डालना सिखाएं। जब वह कुछ शब्द बोलना शुरू कर दे, जैसे ‘कुकी’ तो उसे खाने की विभिन्न वस्तुओं के नाम बताएं, जैसे ‘ब्रेड’ और ‘केक’।
- उसे कहानी के किसी पात्र के रूप में प्रतिस्थापित करके एक नया अनुभव प्रदान करें। ‘देखों! सारा नहा रही है!’ आप कहानी को जीवंत भी बना सकते हैं, उदाहरण के लिए, तस्वीर में दिए गए कुत्ते की और इशारा करे और कहें, “डॉगी सोने जा रहा है। अब बेबी सारा को भी सोना है।”
- उसके साथ शांत और ख़ुशनुमा मिज़ाज में संवाद करें, क्योंकि वह भांप सकती है कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं।
यदि आपका बच्चा,12महीने की उम्र के अंत तक:
- देखभाल करने वाले के साथ आँख से संपर्क नहीं करता
- उसका नाम पुकारने पर प्रतिक्रिया नही देता
- इशारे वाले संकेतों जैसे कि "अलविदा" "मुझे दे" पर प्रतिक्रिया नही देता
- अपनी इच्छाओं को इशारे या बातचीत द्वारा व्यक्त नहीं करता है, उदाहरण, देखना या अपना हाथ पहचाना।
- बड़बड़ाहट या गपशप नहीं करता।
- अच्छी तरह से सुनता नहीं दिखाई देता।
कृपया एमसीएचसी (MCHC) मे अपने चिकित्सक या नर्स के साथ या अपने पारिवारिक चिकित्सक या बाल रोग विशेषज्ञ के साथ चर्चा करें।
अपने बच्चे के साथ सफलतापूर्वक जुड़ने के लिए आपको उसकी विशिष्टता को समझने की आवश्यकता होगी, उसके स्तर को समझें, और उचित रूप से प्रतिक्रिया दें। अपने बच्चे के साथ इस पुस्तिका में दिए गए विचारों को आज़माएं और उसके साथ रहने का आनंद लें।
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