जब मैं उसे उसके प्रशिक्षण कप में दूध की पेशकश करती हूँ तो मेरा नन्हा बेटा कम दूध पीता है । ऐसे में मैं क्या कर सकती हूँ?
प्रश्न: मेरा 14-महीने का बच्चा कप से कम दूध पीता है जबकि मैं उससे दूध की बोतल का उपयोग छुड़ाने की कोशिश में हूँ। मुझे उसके द्वारा कम दूध के सेवन की चिंता है, ऐसे में मुझे क्या करना चाहिए?
उत्तर: कुछ माता-पिता अपने बच्चे को दूध की बोतल छुड़ाकर कप से पिलाने की कोशिश करते समय इस बात से चिंतित रहते है कि उनके नन्हे-बच्चे कम पानी या दूध पीते हैं।
दरअसल, यह केवल अस्थायी परिवर्तन है और माता-पिता को इससे परेशान नहीं होना चाहिए। बच्चों को सीखने में और नए पीने के कप का इस्तेमाल करने में कुछ समय लग सकता है। जब वे कप से परिचित हो जाते हैं, तो वे मुक्त रूप से और जितना चाहे उतना पी सकते हैं।
हमें पीने के कप की शुरुआत करने में देरी नहीं करनी चाहिए और पीने की बोतल के उपयोग को अधिक समय तक खींचना नहीं चाहिए।
उचित समय पर ठोस खाद्य पदार्थ और पीने के कप का उपयोग न केवल शिशुओं के लिए उपयुक्त पोषण प्रदान करते हैं, बल्कि उनके ऑरो-मोटर यानी मुख संचालन पेशियों के विकास को भी फ़ायदा पहुँचाते हैं। नन्हे बच्चों को 12-महीने की उम्र से पीने के कप का उपयोग शुरू कर देना चाहिए, और 18- महीने की उम्र तक दूध की बोतल का उपयोग बंद कर देना चाहिए। पूरक पदार्थ खिलाने की शुरुआत करने पर, शिशु धीरे-धीरे अधिक ठोस पदार्थ खाने लगते हैं, जबकि इसके विपरीत उनकी कुल दूध की खपत में कमी होने लगती है। यह सफलतापूर्वक बोतल की आदत छुड़ाने का अच्छा संकेत है। 1 साल के बच्चे के लिए, बारंबार, "केवल दूध" पीने का पैटर्न अब उचित नहीं है। उन्हें धीरे-धीरे दिन भर में नियमित रूप से 3 मुख्य भोजन और बीच में 1-2 पौष्टिक नाश्ते के पैटर्न का अपना लेना चाहिए।
छोटे बच्चे केवल दूध के आहार पर निर्भर नहीं होते। दूध विविध पौष्टिक खाद्य पदार्थों से युक्त भोजन का हिस्सा बन जाता है। माता-पिता मुख्य भोजन या नाश्ते के समय पर बच्चों को पेय पदार्थ के रूप में दूध दे सकते हैं। आप विभिन्न व्यंजनों में भी दूध का उपयोग कर सकते हैं, जैसे नाश्ते में दूध और दलिया, दोपहर के समय छोटा सैंडविच और एक गिलास दूध, या मिल्क पुडिंग। ये ठोस आहार खाने की आदत डालने की उनकी ज़रूरत से समझौता किए बिना बच्चों को दूध पिलाने के व्यावहारिक तरीक़े हैं।
दूध और डेयरी उत्पाद कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं, जो विकास और अस्थि स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य विभाग की सिफ़ारिश है कि एक से पाँच वर्ष के आयु वर्ग में शामिल बच्चों को अपने कैल्शियम की ज़रूरत पूरा करने के लिए हर रोज़ 360-480 मि.ली. दूध पीना चाहिए। दूध के अलावा, डेयरी उत्पाद (पनीर और दही), कैल्शियम-युक्त सोया उत्पाद (जैसे टोफ़ू, सूखे सेम वाली दही), कैल्शियम वर्धित सोया दूध, हरी पत्तेदार सब्जियाँ कैल्शियम से समृद्ध हैं। कुछ बच्चे बढ़ती उम्र के साथ कम दूध पी सकते हैं। माता-पिता को स्वस्थ आहार संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करने और उन्हें रोज़ाना कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ खिलाने की सलाह दी जाती है। नीचे आपके लिए कुछ व्यावहारिक सुझाव प्रस्तुत हैं:
सुबह का नाश्ता
- दलिया
- नरम पनीर सैंडविच फ़िलिंग (जैसे उबले हुए अंडे और मुलायम पनीर सैंडविच, ट्यूना पनीर सैंडविच)
- दूध या कैल्शियम-युक्त सोया दूध दोपहर और रात का खाना
- फलियाँ और टोफ़ू खाएँ (उबले हुए टोफ़ू, व्यंजनों में मांस की जगह टोफ़ू या सूखी सेम का दही के साथ उपयोग
- करें)हरी पत्तेदार सब्जी (जैसे चॉय-सम, सूखे सेम दही के साथ और कीमा फ़्राई; पाक-चॉय, चीनी गोभी)
- कुछ पश्चिमी व्यंजन आज़माएँ (जैसे पनीर ब्रोकोली, मलाईदार पनीर सॉस पास्ता, पनीर के साथ बोलोग्नीज़)
नाश्ते के विकल्प
- सादे दही के साथ ताज़ा फल
- टोफ़ू पुडिंग
- फलों का मिल्कशेक (चीनी के बिना घर में बना मिल्कशेक)
- दूध की पुडिंग
- गिरीदार फल और बीज खाएँ (जैसे काले तिल का डेज़र्ट सूप, बादाम डेज़र्ट सूप, उबली हुई मूँगफलियाँ)