स्तनपान

(Content Revised 02/2013)

मां का दूध आपके बच्चे के लिए सबसे अच्छा प्राकृतिक आहार है। बच्चों को जितने अधिक समय तक मां का दूध पिलाया जाता है, यह मां और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए उतना ही अधिक लाभदायक होता है। डब्ल्यूएचओ (WHO) के सुझाव के अनुसार, बच्चों को पहले छह महीनों तक केवल स्तनपान ही कराया जाना चाहिए और दो वर्ष अथवा उससे अधिक की आयु तक बच्‍चे के आहार में ठोस आहार के साथ-साथ स्‍तनपान कराना जारी रखना चाहिए।

स्तनपान के लाभ

  • मां के दूध में वे सभी ज़रूरी पोषक तत्व होते हैं, जो बच्‍चे के जीवन के पहले 6महीनों में उसकी सभी ज़रूरतों को पूरा करते हैं
  • मां के दूध में मौजूद प्रोटीन आसानी से पच जाते हैं और अवशोषित हो जाते हैं
  • मां के दूध में कई एंटीबॉडी और इम्‍यूनोग्‍लोब्‍यूलिन्‍स होते हैं, जो बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं और एलर्जी और संक्रमण होने की संभावना को कम कर देते हैं
  • स्तनपान के दौरान मां और बच्चे के बीच गहरा और घनिष्ठ संपर्क, मां और बच्चे के आपसी संबंधों को और अधिक बढ़ाता है
  • स्तनपान कराना बोलत से दूध पिलाने की अपेक्षा अधिक स्वच्छ, सुविधाजनक, किफ़ायती और पर्यावरण-अनुकूल है

इसकी शुरुआत कैसे करें

  • गर्भावस्‍था के दौरान तैयारी
  • विभिन्न साधनों से स्तनपान कराने के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्‍त करें
  • स्तनपान की प्राथमिकता के बारे में मेडिकल स्टाफ़ और अपने परिवार के सदस्यों के साथ चर्चा करें
  • आपके अस्पताल अथवा जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रसव-पूर्व स्तनपान कार्यशाला में भाग लें
  • शरीर से शरीर के संपर्क के लिए “गोल्‍डन आवर” के बारे में समझें
  • दूध पीना नवजात शिशुओं की आधारभूत प्रवृति है। जन्म के बाद पहला घंटा आपके बच्‍चे को स्‍तनपान कराने की कोशिश करने के लिए गोल्‍डन आवर है, क्‍योंकि इस समय वह सबसे अधिक सतर्क अवस्था में होता है और दूध पीने की सबसे अधिक कोशिश करता है
  • जन्म के तत्काल बाद तौलिए से शिशु के शरीर को सुखाने के बाद उसे अपने सीने से लगाएं। इससे उसे शरीर से शरीर का सीधा संपर्क करने का अवसर मिलता है और उसे आपके स्तनों को खोजने में सुविधा होती है और मां के दूध का पहला स्‍वाद चखने का अवसर मिलता है
  • इससे बच्चे को भावनात्मक सुरक्षा और स्नेह मिलता है और उसे अपने दिल की धड़कन और सांस को स्थिर

करने में मदद मिलती है। ऐसा करने से आपको भी अपने बच्चे के साथ विशेष रिश्ते के आनंद का अहसास होता है

सफलता के लिए सलाह

  • बच्‍चे को कमरे में अपने पास रखना
  • आप उसकी ज़रूरतों पर ध्यान दें और उसे सुविधाजनक ढंग से स्‍तनपान कराएं
  • स्‍तनपान के लिए बच्‍चे को स्‍वयं कोशिश करने दें
  • अधिकतर नवजात शिशुओं को पहले कुछ महीनों के दौरान दिन में 8-12 बार स्‍तनपान करने की आवश्यकता पड़ती है। उसे उसकी आवश्‍यकताओं के अनुसार स्‍तनपान कराएं
  • परिवार का सहयोग
  • परिवार का सहयोग बहुत ही महत्वपूर्ण है। अनुसंधान से पता चला है कि जिन महिलाओं को अपने पतियों और परिजनों से सहयोग प्राप्‍त होता है, वे छह सप्ताह तक स्तनपान कराना जारी रखती हैं, जो उन महिलाओं की तुलना में 8.5 गुना अधिक है, जिन्‍हें परिवार का सहयोग नहीं मिलता
  • चिकित्सा सहायता प्राप्‍त करें
  • यदि आपको कोई शंका हो, तो स्वास्थ्य पेशेवरों की सहायता लें

जब आप अपने शिशु को फ़ार्मूला दूध पिलाने के बारे में सोचें,
तो आपको निम्‍नलिखित बातों की जानकारी होनी चाहिए:

- फ़ार्मूला दूध बच्चों को कोई एंटीबॉडी प्रदान नहीं करता। बच्चों का पाउडरयुक्‍त फ़ार्मूला कीटाणुरहित नहीं होता। फ़ार्मूला दूध को ग़लत तरीके से तैयार करने और संभालने से शिशु को संक्रमण का खतरा हो सकता है

- बच्चों का फ़ार्मूला दूध महंगा होता है। माता-पिता को दूध के पाउडर पर काफी अधिक ख़र्च करना पड़ता है
- एक बार जब आप अपने शिशु को फ़ार्मूला दूध पिलाना शुरू कर देंगी, तो आपके स्‍तनों से दूध बनना कम हो जाएगा। आपके लिए फिर से स्‍तनपान शुरू करना कठिन होगा

“प्‍यार स्तनपान कराने से शुरू होता है” पढ़ें अथवा अधिक जानकारी के लिए स्वास्थ्य पेशेवरों से संपर्क करें